छोटे व्यवसायियों को कर्ज दीजिए, विदेश नहीं भागेंगे- सतीश गुप्ता, राजद - ApnaLive.News

छोटे व्यवसायियों को कर्ज दीजिए, विदेश नहीं भागेंगे- सतीश गुप्ता, राजद

Spread the love

देश में डेढ़ महीने के बाद फिर से 15 दिनों के लिए लाॅक डाउन बढ़ाये गये। यह देश को तबाही से बचाने के लिए निहायत जरूरी भी है, परन्तु अब देशभर के व्यवसायियों पर बाजार बंद रहने का प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। साधारण व्यवसायियों की स्थिति दिन प्रति दिन बिगड़ती जा रही है। एक तरफ इनकी आमदनी ठप्प हो चुकी है तो दूसरी ओर खर्च अपने जगह पर खड़ा है जैसे-

  1. दुकानों का किराया चालू है,
  2. बिजली का न्यूनतम बिल देना है,
  3. कर्मचारियों को तन्ख्वाह देनी हीं पड़ रही है,
  4. बैंको का ब्याज चालू है,
  5. इशारों-इशारों में महाजनों का तगादा भी शुरू हो गया है,
    ऐसे में इन व्यवसायियों की पूँजी टूट रही है। इस बात में किसी को भी संदेह नहीं होनी चाहिए कि इन दो महीने तक कारोबार ठप्प होने के कारण सामान्य व्यवसायी दो वर्ष पीछे चले गए हैं और यह भी आशा नहीं किया जा सकता है कि लाॅक डाउन समाप्त होते ही बाज़ार में तुरंत रौनक आ जायेगी।
    अतः केन्द्र और राज्य सरकार से अनुरोध है कि देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिस प्रकार कारपोरेट सेक्टर के लिए नीति बनायी जाती है, उसी प्रकार केन्द्र और राज्य सरकारों को सामान्य व्यवसायियों के उत्थान के लिए भी गम्भीरता से विचार करनी चाहिए।
    मेरा सुझाव है कि-
  6. केंद्र सरकार सभी वस्तुओं से GST घटायें ताकि ग्राहकों में ख़रीदारी करने का उत्साह बढ़े। स्वाभाविक है कि जब ग्राहक अधिक ख़रीदारी करेंगे तब सरकार को Tax भी अधिक मिलेगा।
  7. व्यवसायियों को उनकी क्षमता के अनुसार 5 वर्षों के लिए बिना ब्याज का कर्ज दिया जाए। कर्ज देने वाली संस्थानों को इस बात के लिए भी निश्चिंत रहना चाहिए कि छोटे कर्जदार कभी भी विदेश नहीं भाग सकते।
  8. ग्रामीण और छोटे शहरों में उद्योग लगाने वालों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाये ताकि उन स्थानों पर रोजगार का अवसर बढ़े और पलायन रुके।
  9. गाँवों में हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग के लिए प्रोत्साहित किया जाये।
  10. सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादों को अधिक से अधिक खरीद कर उसका उपयोग करे।
  11. केन्द्र सरकार इस पर गौर करे कि रेलवे अपने आप में अकेले ही बहुत बड़ा बाजार है। ऐसे में पूर्व रेल मंत्री श्री लालू प्रसाद की नीतियां को फिर से लागू करते हुए हाथों के बने कुल्हर, चादर, तौलिया, रुमाल, आचार, पापड़, चटनी, पावरोटी तथा बिस्कुट जैसी सामान्य वस्तुओं की उपयोगिता सुनिश्चित करे।
    मेरा मानना है कि जब तक सामान्य व्यवसायियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित नहीं किया जाएगा, कोई कुछ भी कह ले देश में खुशहाली नहीं आ सकती..
    ~ सतीश गुप्ता ~

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed